इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के महासचिव ने रामनवमी के जुलूस के दौरान भारत के कई राज्यों में मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने वाली हिंसा और तोड़-फोड़ की गतिविधियों पर ‘गहरी चिंता’ जताई है, जिसमें मदरसा और उसके पुस्तकालय को जलाना भी शामिल है। एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि 31 मार्च 2023 को बिहारशरीफ में एक चरमपंथी हिंदू भीड़।
ओआईसी जनरल सेक्रेटेरिएट ने हिंसा और बर्बरता के ऐसे उत्तेजक कृत्यों की निंदा की, जो भारत में मुस्लिम समुदाय के ‘बढ़ते इस्लामोफोबिया’ और ‘प्रणालीगत लक्ष्यीकरण’ की एक ज्वलंत अभिव्यक्ति है।
ओआईसी जनरल सचिवालय ने भारतीय अधिकारियों से इस तरह के कृत्यों के लिए उकसाने वालों और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और देश में मुस्लिम समुदाय की सुरक्षा, सुरक्षा, अधिकार और सम्मान सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
भारत सरकार का पलटवार
भारत ने मंगलवार को इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की ‘सांप्रदायिक मानसिकता’ और ‘भारत विरोधी’ एजेंडे की आलोचना की।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया तब आई जब ओआईसी सचिवालय ने एक बयान जारी कर भारत के कई राज्यों में रामनवमी के जुलूसों के दौरान मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने का आरोप लगाया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ओआईसी द्वारा जारी बयान की निंदा की।
“हम भारत के संबंध में OIC सचिवालय द्वारा आज जारी किए गए बयान की कड़ी निंदा करते हैं। यह उनकी सांप्रदायिक मानसिकता और भारत विरोधी एजेंडे का एक और उदाहरण है।’
बयान में कहा गया है, “ओआईसी केवल भारत विरोधी ताकतों द्वारा लगातार हेरफेर करके अपनी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है।”