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विक्ट्री-डे पर बोले पुतिन, पश्चिमी देश हमें तबाह करना चाहते हैं...

रजा ग्राफी रिपोर्ट :- आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 9 मई 1945 को सोवियत संघ ने पहला विक्ट्र-डे मनाया था, रूस समय जर्मनी ने सोवियत संघ से हार मानकर सरेंडर कर दिया था॰ तब से लेकर आज तक रूस इस दिन को विक्ट्री डे के रूप में मनाता चला आ रहा है॰

विगत वर्षों की भांति रूस ने मंगलवार को अपना विक्ट्री डे मनाया, इसी दिन सोवियत यूनियन ने वर्ल्ड वॉर 2 में नाजी जर्मनी को पराजित किया था, राष्ट्रपति पुतिन क्रेमलिन से रेड स्क्वायर पहुंचे जहां परेड का आयोजन किया गया था॰ इस दौरान पुतिन ने देशवासियों को संबोधित करते हुए 10 मिनट का भाषण दिया था॰

अपने भाषण के दौरान उन्होने कहा कि नाजियों की हार के 78 साल बाद एक बार फिर से रूस और पूरी दुनिया पर खतरा मंडरा रहा है॰ एक बार फिर रूस के खिलाफ जंग की शुरुआत हो चुकी है, पुतिन ने इस जंग की तुलना पूर्व में हुए नाजियों के साथ जंग से की है॰ इस दौरान उन्होने यूक्रेनी नेताओ को वर्तमान समय का नाजी बताया है॰

रूस भविष्य में शांति चाहता है, लेकिन पश्चिमी देश ऐसा नहीं चाहते और वो लगातार रूस के खिलाफ लोगों में नफरत और डर पैदा करने की भावना को बढ़ावा दे रहे हैं, उन्होने कहा कि वो हमें बर्बाद करना चाहते हैं और यूक्रेनी नागरिक पश्चिमी देशों के बुरे मंसूबों के गुलाम बन चुके हैं॰

रूस के विक्ट्री डे पर उन 6 देशों कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, आर्मेनिया, उज्बेकिस्तान, तजीकिस्तान और बेलारूस के लीडर्स शामिल हुए जो कभी सोवियत संघ के हिस्सा हुआ करते थे, लेकिन रूस के विक्ट्री डे पर इन सभी देशों के लीडर्स पुतिन के साथ नजर आए॰ पुतिन ने अपने शुरुआती भाषण में ही आए हुए अतिथियों का धन्यवाद किया, इसके बाद उन्होने वर्ल्ड वॉर 2 के दौरान मारे गए सैनिकों की याद में एक मिनट का मौन धारण किया॰

इसके बाद अपने भाषण को आगे जारी रखते हुए उन्होने कहा कि देश के लिए उसके सैनिक जंग का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं, यूक्रेन में जो सैनिक रूस के स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन में भाग ले रहे हैं, मुझे उन पर गर्व है और रूस का आने वाला भविष्य भी इन्हीं सैनिकों पर टीका हुआ है॰

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