रजा ग्राफी न्यूज:- एक बात और गौर से सुन लो हिंदुस्तान के तमाम मुसलमानों, बाबरी मस्जिद की तरह ज्ञानवापी मस्जिद भी अब समझो आपके हाथ से गई. क्योंकि ज्ञानवापी मस्जिद अब एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन गई है॰ मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा सहित तमाम भारतीय जनता पार्टी के जो बड़े नेता हैं॰ उन्होने समाज में नफरत फैलाने की अपनी तमाम कोशिशों को जारी रखा, जिसके चलते आज पूरे देश का माहौल नफरत भरा सा हो गया है॰
कर्नाटक को देश का सबसे शिक्षित राज्य माना जाता है॰ यहाँ पर भी इन नफरती चिंटुओं ने अपनी नफरत को फैलाने पर खूब काम किया, लेकिन यहाँ की जनता देश के अन्य सभी राज्यों में से सबसे शिक्षित मानी जाती है॰ उसका परिचय यहाँ के लोगों ने चुनाव में भी कर दिया॰
जिस तरह से जिस तरह से कर्नाटक में इनकी हार हुई है, इस तमाम चीजों के बावजूद उनके यहां नफरत में कोई कमी नहीं आई है, बल्कि और ज्यादा खासकर उत्तर प्रदेश में आप देखिए प्रदेश हर तरफ नफरत ही नफरत फैली हुई है, जो आप सभी देख ही रहे होंगे॰
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2024 के चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में ज्ञानवापी मस्जिद का मामला पूरे जोरों शोर से उठाया जा सकता है क्योंकि 2024 के चुनाव से पहले इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया जाएगा॰ क्योंकि अब आए दिन नई नई बातें निकलकर सामने आने लगी हैं॰
विष्णु शंकर जैन द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए जिला अदालत के न्यायाधीश ने ज्ञानवापी मस्जिद समिति को 19 मई तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है॰ कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई 22 मई की तय की है॰ आप समझ ही गए होंगे कि अलग-अलग तरीके से याचिकाएं हिंदू संगठन डाल रहे हैं॰
अब पुरातत्व विभाग अपनी तरफ से दिमाग लगाकर यह बताएगा कि यह शिवलिंग है या कोई नल है या पानी की टंकी है या पानी का फुब्बारा या फिर कुछ और है॰ जबकि यह क्लियर है कि पुराने जमाने में फुब्बारे इस तरह के होते थे, लेकिन अब आपको यह समझ में आ जाना चाहिए कि ज्ञानवापी मुसलमानों के हाथ से गई और अभी और कौन-कौन सी मस्जिदें जाने वाली हैं॰
क्योंकि भारतीय जनता पार्टी का नेता जिसका नाम हेमंत विश्वा है जो खुद अपने मुंह से कह चुका है कि मैं संकड़ों मदरसे बंद कर चुका हूं, 300 और बंद करूंगा॰ इससे अब ऐसा लगता है कि भारतीय पार्टी का मकसद ही विकास के नाम पर दूसरे धर्म के लोगों की जगहों को छीनकर उनकी तालीम को बंद कराना है॰ फिर ऐसे में आपको अब भी यह क्यों लगता है कि आप ज्ञानवापी का मुद्दा जीत जाएंगे॰