रजा ग्राफी न्यूज:- एलएसी से करीब 6-7 किलोमीटर की दूरी पर चाइना ने नई सुरक्षा चौकियों को बनाना शुरू कर दिया है॰ कई बार भारतीय सैनिकों से मुंह की खाने के बाद चाइना अभी भी सुधारने का नाम नहीं ले रहा है॰ आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चाइना अपनी विस्तारवादी नीति के लिए दुनियाभर में बदनाम हो चुका है॰
लेकिन आज भी अपनी विस्तारवादी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है॰ पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पिछले करीब तीन सालों से विवाद चल रहा है॰ जिसे सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच कई बार वार्ता हो चुकी है॰ लेकिन मामला अभी तक सुलझा नहीं है॰ बातचीत का दौर अभी भी जारी है॰
समय समय पर तनाव के चलते कई बार भारत और चीन की सेना मध्य कई बार झड़पें हुईं, जिसमें चीन के सैनिकों को मुंह की खानी पड़ी॰ चीन मध्य और पूर्वी क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा के विपरीत मॉडल गांवों या ‘शियाओकांग’ (माध्यम समृद्ध) गांवों के नेटवर्क का विस्तार करना जारी रखे हुए है॰
इतना ही नहीं एलएसी से करीब 6 से 7 किलोमीटर की दूरी पर नई चौकियों का निर्माण कर रहा है और कुछ इलाकों में पेट्रोलिंग की फ्रिक्वेंसी भी बढ़ा दी है॰ द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, एक सूत्र ने खुफिया जानकारियों का हवाला देते हुए बताया कि बाराहोती के सामने जहां पूर्व में भारत और चीन की सेनाओं का आमना सामना हुआ था॰ वहाँ पर अब तेजी से चीनी गांवों का निर्माण करने में जुटे हुए हैं, वहीं पीएलए ने इन इलाकों में अपनी गश्त भी बढ़ा दी है॰
पहले सीजन में एक बार गश्त की जाती थी, लेकिन अब पीएलए की गश्त सिर्फ 15 या उससे कम दिनों में देखी जा रही है॰ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश में कामेंग क्षेत्र के विपरीत, कुना में दो गाँव चीन ने बना लिए हैं॰ जिसमें 41 आवास यूनिट्स, ग्रीनहाउस और सौर-प्रकाश जैसी व्यवस्थाएं शामिल हैं॰ यहाँ पर मेनबा जातीय समुदाय के करीब 200 निवासी रहते हैं और खबर है कि इस गाँव के पास एक सैन्य परिसर भी है॰