रजा ग्राफी न्यूज:- पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की 9 मई को हुई गिरफ्तारी के बाद देशभर में उपद्रव से शुरू हुआ सियासी तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है॰ इस दौरान पाक सेना प्रमुख जनरल आसिफ मुनीर को सौंपी गई एक रिपोर्ट ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. इस रिपोर्ट ने शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाक सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं.
क्योंकि इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद कुछ सैन्य ठिकानों पर हमले पाकिस्तान में सत्तारूढ़ सरकार के इशारे पर किए गए थे. रिपोर्ट के मुताबिक गृह मंत्रालय के निर्देश पर तोड़फोड़ और सेना की संपत्ति को क्षति पहुंचाने के लिए खुफिया ब्यूरो आईबी ने सरकार के समर्थकों के साथ उकसाया था॰
आइबी ने सरकार समर्थकों को उकसाया था, जो आज भी सरकार के अधीन आता है॰ इस तरह से उकसाने का मकसद सिर्फ इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को सेना का दुश्मन बनाना था॰ अभी जानकारी के लिए बता दें कि यह रिपोर्ट मिलिट्री इंटेलिजेंस (एमआई) ने खुद तैयार की है.
इस संबंध में एनर्जी सिक्युरिटी स्कॉलर सईद अफरीदी का कहना है कि पूर्व पीएम इमरान खान को सत्ता से बाहर करने के बाद से ही पीएमएल-एन नेता और पूर्व पीएम नवाज शरीफ व उनकी टीम पीटीआई व इमरान खान पर पाबंदी लगाने का मौका तलाशने में जुटी हुई है॰
जिसके बाद पीटीआई व इमरान खान पर पाबंदी लगाने के लिए नवाज शरीफ की टीम ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुलाई॰ लेकिन सरकार की सहयोगी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता बिलावल द्वारा इसका विरोध किया गया॰
इससे पहले नवाज शरीफ के बेहद करीबी और पाक सरकार के दूसरे सबसे ताकतवर मंत्री गृहमंत्री राणा सनाउल्ला तो चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं, जो पूर्व पीएम इमरान खान को कई बार धमकियाँ भी दे चुके हैं॰ राणा ने एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा था कि इमरान खान आज देश की सियासत को एक ऐसे मोड पर ले आए हैं॰
जहां पर हममें से कोई एक ही अस्तित्व में रह सकता है और अगर अस्तित्व पर बात आई तो ऐसा कोई भी कदम उठाने से नहीं चुकूंगा जो लोकतांत्रिक हो या ना हो॰ इमरान खान की गैर-कानूनी ढंग से की गई गिरफ्तारी के बाद से पूर्व पीएम इमरान खान की लगातार लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है॰