रजा ग्राफी न्यूज:- ताइवान में चीन की दबंगई को देखते हुए उस पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका चीन की चारों तरफ से घेराबंदी करना चाहता है. भारत के सहयोग के बिना अमेरिका के लिए यह सब कर पाना बेहद मुश्किल है. इसलिए अमेरिका भारत को एक मजबूत साझेदार के रूप में देख रहा है.
अमेरिकी कांग्रेस की सेलेक्ट कमेटी ने भारत को नाटो प्लस का दर्जा देने की सिफारिश की है आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अभी तक नाटो प्लस में 5 ही देश हैं लेकिन अमेरिका की सिफारिश मंजूर हुई तो भारत एक का छठा सदस्य बन जाएगा
अमेरिकी कांग्रेस की सिलेक्ट कमेटी का मानना है कि चीन यदि ताइवान पर हमला करता है, तो सामरिक तौर पर कड़ा जवाब देने के लिए क्वॉड को भी अपनी भूमिका बनानी होगी॰ आपकी जानकारी के लिए बता दें कि क्वाड 4 देशों का समूह है॰ जिसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं. अमेरिका को भी चीन से मुकाबले के लिए जी-7 देशों का साथ भी चाहिए होगा.
यदि भारत है नाटो प्लस देशों में शामिल होता है, तो उसे अमेरिकी डिफेंस इंडस्ट्री और टेक्नोलॉजी कि बेहतर उपलब्धता मिल सकती है॰ फिलहाल अमेरिका और भारत के बीच में कोई भी डिफेंस समझौता नहीं हुआ है, लेकिन अमेरिका द्वारा भारत को अहम डिफेंस पार्टनर एमडीपी का दर्जा दिया गया है॰ इससे भारत को संवेदनशील तकनीक का निर्यात हो रहा है
नाटो प्लस क्या है?
नाटो प्लस उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन में 31 सदस्य देश हैं, अमेरिका ने नाटो प्लस संगठन बनाया हुआ है॰ इसमें ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इजराइल, जापान और दक्षिण कोरिया आदि शामिल हैं॰ इन देशों के साथ अमेरिका के सामरिक संबंध हैं॰