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उत्तराखंड का मामला आरएसएस से जुड़े पत्रकार और हिन्दूवादी संगठनों का था प्रोपेगंडा

रजा ग्राफी न्यूज:- मोदी जी ने यह बात खुद अपने मुंह से कही थी कि आतंक फैलाने वालों और देश का माहौल खराब करने वालों को उनके कपड़ों से पहचाना जाता हैं॰ मोदी जी की यह बात तब और भी ज्यादा सच साबित हो गई, जब उत्तराखंड का मामला निकलकर देश और दुनिया के सामने आया॰

विगत दिनों उत्तराखंड में जो भी हुआ वह सब आपके सामने है, जहां एक आरएसएस के पत्रकार ने हिन्दूवादी संगठनों जो भगवा रंग से पहचाने जाते हैं॰ इन्होने मिलकर एक मुस्लिम युवक को अपने षड्यंत्र में फंसाकर मुसलमानों को बदनाम करने की साजिशे रच पूरे राज्य के माहौल को खराब किया॰ बेवजह बेगुनाह मुसलमानों को हिन्दू संगठनों द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया गया और उन्हें वहाँ से पलायन करने पर मजबूर किया॰

प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी देख लीजिए और रंग से पहचान लीजिये कि ये भगवा रंग डाले हिन्दू धर्म को बदनाम करने वाले भगवाधारियों ने कैसे एक राज्य के सांप्रदायिक माहौल को खराब किया है॰ रंग से देख लीजिये कि कैसे इन्होने उत्तराखंड में उधम मचा रहा है. देख लीजिये प्रभु श्री राम का नाम लेकर कौन हिंदुत्व को बदनाम कर रहा है॰

उत्तराखंड में लव जिहाद का मामला बताकर मुसलमानों को डरा धमका कर इतने बडे मधुमक्खी के छत्ते वाले भगवा झुंड ने जो पागल से हो गए थे मुसलमानों के खिलाफ, जो मुसलमानों के लिए एक जोम्बी का रूप धारण कर लिए थे, जो मुसलमान को जिंदा चबा जाना चाहते थे॰ आज उनकी तमाम कोशिशे नाकाम रहीं और तमाम भीड़ झूठी साबित हो गई है॰

आरएसएस के पत्रकार और हिंदूवादी संगठनों का आतंक व षड्यंत्र सामने आ गया है॰ न्यूज लॉन्ड्री ने खुद रिसर्च कर जमीनी हकीकत को सामने लाया है॰ जिसके बाद पता चला कि हिंदूवादी संगठनों और एक पत्रकार जो आरएसएस से जुड़ा हुआ था॰ उसने एक हिन्दू लड़के के मामले में मुस्लिम लड़के को फंसाकर पूरे मामले को लव-जिहाद का एंगल दे दिया॰

इस बात का खुलासा सिर्फ न्यूज लॉन्ड्री ने ही नहीं बल्कि देश के जाने माने समाचार पत्र दैनिक भास्कर और एनडीटीवी ने भी किया है॰ मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस प्रशासन भी इस बात मान गया है कि यह सब आरएसएस के पत्रकार और हिन्दूवादी संगठनों की रची हुई साजिश थी॰

हिंदूवादी संगठन इस इलाके में नफरत फैलाने का काम कर रहे थे और यह पूरा मामला झूठा था, जो लड़की का बाप है उसने खुद इस मामले में आरएसएस के पत्रकार और हिंदुवादी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया है॰ इस सम्बन्ध में पीड़ित पिता ने कई जगह इंटरव्यू दिया॰ लड़की के पिता ने कहा कि जब यह मामला हुआ, तो हम थाने गये, थाने में जब हमने शिकायत करने की बात की, तो थाने में एक पत्रकार बैठा था.

स्थानीय पत्रकार जिसका नाम अनिल था, जिसने इस घटना को बदलकर लव-जिहाद का एंगल दे दिया, अनिल आश्वाल वह पत्रकार है, जो bbckhabar.in नाम से अपना प्रोपेगेंडा वेबसाइट चलाता है. जिसमें मुसलमानों के प्रति उसकी उग्र नफरत को देखा जा सकता है॰

आरएसएस से जुड़े इस नफरती पत्रकार ने इस मामले में मुस्लिम युवक को फँसाने के लिए अपने मन मुताबिक एक शिकायती पत्र लिखा, जिसमें मुस्लिम युवक को टार्गेट किया गया था॰ आरएसएस के पत्रकार और पीड़ित की शिकायत दोनों ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, इसमें दिखाया गया है कि एक शिकायत लव जिहाद का एंगल देने वाली है, जो खुद नफरत फैलाने वाले पत्रकार ने लिखी थी और दूसरी एक असली शिकायत जो कि पीड़ित पिता की थी॰

आतंकी सोंच रखने वाले इस पत्रकार ने खुद यह पूरी की पूरी कहानी फर्जी लिख डाली और उसके अंदर लव जिहाद का एंगल डाला और कहा कि उपरोक्त यानी मुसलमान युवक का नाम लिखा कि यह लड़का हमारी भांजी का पीछा करता है और गलत नियत से उसको किडनैप करके देह व्यापार में धकेलना चाहता था॰

इतना ही नहीं इस नफरती पत्रकार द्वारा इसमें एक और खतरनाक एंगल डाला गया॰ पत्रकार ने इसमें लिखा कि मुस्लिम लड़के ने लव जिहाद किया॰ उसने लिखा है कि मुस्लिम लड़का अपना नाम हिंदू बता कर लड़की को बहला-फुसलाकर जिस्मफरोशी के धंधे में धकेलना चाहता था॰ आगे लिखता है कि लिहाजा प्रशासन से अनुरोध है कि मुस्लिम युवक ने सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की है॰

यानी आप समझ रहे हो ना कि उस पत्रकार ने जितने एंगल वह चाहता था मुस्लिम युवक पर लगाने के लिए वह सारे लिख डाले॰ मुस्लिम युवक को फंसा कर मुस्लिमों को बदनाम करने के लिए इस पत्रकार और हिंदूवादी संगठन ने यह सब कुछ करने के बाद जब हिंदूवादी संगठन और पत्रकार ने लड़की के पिता से इस लेटर पर साइन कराने के लिए पहुंचे॰

तो पीड़िता के घरवालों ने जब उसे आतंकी पत्रकार से वह लेटर लिया, तो उसे पढ़कर भौचक्का हो गए और लड़की के चाचा ने लड़की के पिता ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यह गलत है और लव जिहाद का एंगल इसमें दिखाया गया है, जबकि ऐसा कुछ नहीं है॰ हम तो यह चाहते थे कि आरोपी हमसे माफी मांग लें॰

पत्रकार द्वारा लिखी गए शिकायती पत्र में सिर्फ लड़के का नाम षड्यंत्र के तहत दिखाया गया, जबकि इसमें दो और हिंदू लड़के भी आरोपी थे, इस मामले में जो मैन लड़का था लड़की को भगाकर ले जाने वाला वो हिंदू था और यह जो मुस्लिम लड़का था वह सिर्फ उसका दोस्त था और उसके साथ था॰ उसकी बस यही गलती थी॰

उसके बाद पत्रकार व हिंदूवादी संगठनों ने पीड़ित परिजनों को जैसे-तैसे करके अपने कंट्रोल में लिया, अपनी बातों में परिजनों को फंसाया और उनसे लेटर पर साइन करवा लिया, लेकिन इसके बावजूद भी लड़की के घर वालों ने मना कर दिया कि यह सब खत्म कीजिए, यह ठीक नहीं है॰ जिसके बाद यह हुआ कि उस फर्जी शिकायत को पीड़ित पिता के सामने फाड़ कर फेंक दिया गया॰

इसके बाद आरएसएस से जुड़े पत्रकार ने अपना दिमाग चलाया और अपनी फर्जी वेबसाइट bbckhabar.in पर जिस प्रकार से उसने पीड़िता का प्रार्थना पत्र लिखा था, उसे अपने पोर्टल पर अपलोड कर देता है॰ जिसे पढ़कर इलाके के सभी हिंदूवादी गुंडे, आतंकवादी सोच रखने वाले व मुसलमानों में दहशत फैलाने वाले संगठन एक्टिव हो जाते हैं और उनको यहां पर एक बड़ा एंगल मिल जाता है॰ मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलने के लिए॰

बस फिर क्या था आरएसएस से जुडा पत्रकार और हिंदूवादी संगठन मिलकर पूरे उत्तराखंड का माहौल खराब करना शुरू कर देते हैं. हिंदूवादी संगठनों ने माहौल इतना खराब कर दिया था, मुसलमानों को इतना परेशान किया जाने लगा था कि मजबूरन वहाँ से मुस्लिम परिवारों को पलायन करना पड़ा॰ इस बारे में पूछे जाने पर लड़की के पिता ने बताया कि हम तो सिर्फ चाहते थे कि आरोपी हमसे माफी मांगे॰

उन्होने बताया कि जब से यह कांड हुआ है तब से उनका घर से बाहर निकलना दूभर हो गया है, हिंदू संगठन उन्हें सुबह, शाम, दोपहर हर समय फोन करते रहते हैं और घर के बाहर पहरा सा देते हैं॰ उनका कहना है कि हिन्दूवादी संगठन उन्हें डरा-धमका मुझ पर प्रेशर बनाकर रहे हैं कि इसमें लव जिहाद का ही एंगल है॰ जबकि पीड़िता पिता बार-बार मना कर रहा था कि इसमें लव जिहाद का कोई एंगल नहीं है॰

पीड़ित पिता का कहना है कि पीड़ित मैं हूं और परेशान भी मैं हूं और हिंदूवादी संगठन मुझे लगातार टॉर्चर कर रहे हैं॰ पीड़िता के पिता ने यह तक कह दिया कि मुसलमान लोगों को जो यहां पर डरा धमकाकर भगाया गया है॰ यह सब सरासर गलत है उन्होंने कहा कि आज तक उत्तराखंड में हिंदू मुसलमानों के बीच कोई ऐसी दरार नहीं थी, लेकिन यह हिंदूवादी संगठनों ने माहौल खराब कर दोनों धर्मों के लोगों के बीच नफरत की दरार पैदा करने का काम किया है॰

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