रजा ग्राफी न्यूज:- आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भले ही आज सऊदी अरब और ईरान के बीच दोस्ती हो गई हो, लेकिन सऊदी अरब, ईरान के जनरल रहे कासिम सुलेमानी को आज भी अपना दुश्मन मानता है॰ साल 2020 में जब डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के राष्ट्रपति थे, तब अमेरिका ने ईरान के कमांडर कासिम सुलेमानी को ड्रोन से मिसाइल दाग कर मार दिया था॰
ईरान के कमांडर रहे कासिम सुलेमानी को आज भी ईरानी लोग उन्हें अपना नेशनल हीरो कहकर याद करते हैं. वहीं दूसरी तरफ सऊदी अरब, ईरान के पूर्व कमांडर कासिम सुलेमानी को अपना दुश्मन मानता है. सऊदी अरब कासिम सुलेमानी को अपना दुश्मन मानता है॰ इसके पीछे की वजह दोनों देशों के बीच की पुरानी दुश्मनी ही है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ईरान की सेना में एक अल-खुदस नाम की यूनिट है. सारी दुनिया जानती है कि ईरान अपनी इस यूनिट के माध्यम से दूसरे देशों में अपने सीक्रेट मिलिट्री मिशनों को अंजाम देता है. जनरल कासिम सुलेमानी इस यूनिट के कमांडर थे. साल 2020 में मारे जाने से पहले उन्होंने सऊदी अरब और इराक के अलावा कुछ अन्य देशों में सीक्रेट ऑपरेशन को अंजाम दिया था.
अमेरिका के कार्नेगी रिसर्च फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि जनरल कासिम सुलेमानी जब जिंदा थे, तो वह हर उस ताकत की मदद किया करते थे, जो सऊदी अरब की दुश्मन हुआ करती थी. इतना ही नहीं उन्होंने सीरिया और इराक को भी सऊदी अरब के खिलाफ खड़ा कर दिया था.
उन्होंने यमन के हूती विद्रोहियों को हर तरह की मदद भी दी थी, ताकि वह सऊदी अरब को समय-समय पर निशाना बनाते रहे और वो चाहते थे कि सऊदी अरब, ईरान की इकोनामिक के मुकाबले कमजोर हो जाए. बस इसी वजह से सऊदी अरब आज भी ईरान के पूर्व कमांडर रहे कासिम सुलेमानी को अपना दुश्मन मानता है॰