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आर्थिक तंगी से परेशान पाकिस्तान, यूएई को बेचेगा कराची बंदरगाह

रजा ग्राफी न्यूज:- पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने इमरजेंसी फंड जुटाने के लिए यूएई के साथ एक बड़ी डील 50 वर्षों के लिए की है. दोनों देशों ने एग्रीमेंट पर साइन भी कर दिए हैं. पाकिस्तान सरकार ने बिजली की रफ्तार से मात्र 4 दिनों के अंदर ही इस डील को फाइनल कर लिया॰ यह डील 50 साल के लिए हुई है॰

इस डील के तहत अगले 50 सालों तक के लिए कराची एयरपोर्ट पर यूएई का अधिकार रहेगा. पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने देश को डिफाल्टर होने से बचाने के लिए यह बड़ा कदम उठाया है. 19 जून को पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक के नेतृत्व में एक कैबिनेट कमेटी बनाई गई, जिसे कराची पोर्ट बेचने की जिम्मेदारी सौंपी गई. इस कमेटी के बनने के कुछ ही देर बाद एक मीटिंग हुई.

जिसके बाद मंगलवार और बुधवार को दिनभर बैठकों का दौर जारी रहा और गुरुवार को इस सौदे के पेपर यूएई की अबू धाबी पोर्ट कंपनी और कराची पोर्ट टर्मिनल के अधिकारियों ने प्रस्तुत किए. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पाकिस्तान के कराची पोर्ट के साथ यह डील यूएई की कहील टर्मिनल कंपनी और अबू धाबी पोर्ट कंपनी ने किया है. आने वाले 10 सालों तक दोनों कंपनी इस रिपोर्ट के इन्फ्राट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए करीब 1.8 हजार करोड़ रुपए खर्च करेंगी.

कराची पोर्ट पर कुल 33 बर्थ (जहाज को खड़े करने का प्लेटफार्म) हैं॰ जिसमें से 4 बर्थ यानी बर्थ नंबर 6 से 9 यूएई की कंपनी को सौंपा गया है. इस संबंध में अबू धाबी की कंपनी का कहना है कि कराची पोर्ट की क्षमता को सालाना 7.5 लाख कंटेनर से बढ़ाकर 10 लाख कंटेनर करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पाकिस्तान को इस पोर्ट का सालाना किराया 1100 प्रति वर्ग मीटर मिलेगा, जो पहले से ज्यादा है.

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