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खुद को डिफाल्टर होने से बचाने के लिए जानिए क्या-क्या कदम उठा रहा है पाकिस्तान

रजा ग्राफी न्यूज:- पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने बीते 6 महीनों में इकोनामिक क्राइसिस से निपटने के लिए 4 बड़े फैसले लिए हैं, जो कि निम्न हैं-

1- कॉस्ट कटिंग: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने मंत्रियों और सलाहकारों को बिजनेस क्लास के बजाय इकोनामी क्लास में यात्रा करने एवं लग्जरी कारों के इस्तेमाल से बचने की भी सलाह दी. इसके साथ ही उन्होंने अपने वेतन का कुछ भाग सरकारी खजाने में जमा करने के लिए प्रेरित किया. यदि ऐसा होता है, तो करीब 20 हजार करोड रुपए की बचत होगी॰ इसके अलावा उन्होने सरकारी कार्यालयों में 15% खर्च में कटौती करने व सेना से भी खर्चों में कटौती के लिए कहा गया.

2- आम लोगों पर बढ़ाया टैक्स का बोझ: पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने मिनी बजट को मंजूरी दे दी है. जिसके तहत कार, इलेक्ट्रॉनिक सामान चॉकलेट बा लग्जरी सामानों के आयात पर 17 से 25 प्रतिशत टैक्स बढ़ाया गया है. बिजनेस क्लास हवाई यात्रा विवाह ऑल मोबाइल फोन व धूप के चश्मे जैसे कई दूसरे सामानों पर टैक्स बढ़ाया गया है.

इसके अलावा पाकिस्तान सरकार द्वारा डीजल पेट्रोल पर भी टैक्स बढ़ाया गया. पाकिस्तान यह फैसले किसी भी हालत में लेने वाला नहीं था, लेकिन आईएमएफ की शर्तों के मुताबिक मजबूरन पाकिस्तान सरकार को यह फैसले लेने पड़े हैं. पाकिस्तान सरकार को उम्मीद है कि इन फैसलों के बाद आईएमएफ उसे पहली किस्त के रूप में 6.5 अरब डालर यानी करीब 53000 करोड़ रुपए का कर्ज दे सकता है॰

3- चीन पर निर्भरता बढ़ाई: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस साल के शुरुआती महीने फरवरी में ही पाकिस्तान को चीन से कर्ज के रूप में बड़ी रकम मिली थी, इस कर्ज के बाद पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 20 परसेंट की वृद्धि हो गई थी. आज भी पाकिस्तान को कर्ज देने के मामले में नंबर वन पर चीन है, पाकिस्तान ने विदेशी संस्थाओं से कुल जितना कर्ज लिया है, उस कर्ज में करीब 30 परसेंट चाइना द्वारा दिया गया है॰

4- पाकिस्तान ने ईरान से बढ़ाई दोस्ती: आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान में ईरान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है. ईरान के अधिकारी हसन ने जानकारी देते हुए बताया कि पाकिस्तान और ईरान की सीमा पर 6 मार्केट बनाए गए हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की इकोनामी को और व्यापार को आगे बढ़ाने में इससे सहूलियत मिलेगी. उन्होंने बताया कि फरवरी 2023 तक दोनों देशों का ट्रेड 16000 करोड रुपए तक पहुंच गया था॰ इस ट्रड को जल्द हम करीब 41000 करोड़ रुपए तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे॰

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