रजा ग्राफी न्यूज:- सत्ता जाने के बाद इमरान खान चारों तरफ से घिर चुके हैं. उनकी मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. विगत 9 मई को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट के अंदर से गैर-कानूनी तरीके से गिरफ्तार किया गया था. गिरफ़्तारी के दौरान पाकिस्तानी आर्मी उन्हें घसीट कर अपने साथ ले गई थी. जिसके बाद इमरान खान के समर्थक भड़क गए थे और पूरे पाकिस्तान में जमकर हिंसा हुई थी.
इसके बाद पाक सेना प्रमुख ने इस हिंसा को ब्लैक डे बताया और कहा कि हिंसा करने वालों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जाएगी कि उनकी नस्लें भी याद रखेंगी. 17 मई को पाकिस्तान कि पंजाब सरकार ने कहा कि लाहौर के जमान पार्क इलाके में मौजूद इमरान खान के घर पर 40 आतंकवादी छुपे होने की आशंका जताई. जिन्हें 24 घंटे में सिक्योरिटी फोर्स के हवाले नहीं किया गया, तो कड़ा एक्शन लिया जाएगा.
जिसके बाद रेंजर्स ने इमरान खान के घर को हर तरफ से घेर लिया और सड़कें बंद कर उस इलाके की बिजली गुल करा दी. सिर्फ 9 दिनों के अंदर ही इमरान खान हर तरफ से गिर गए. पाकिस्तान के अंदर यह चर्चा है कि फौज ने इमरान खान को अल्टीमेटम दिया है कि इमरान खान आर्मी एक्ट का सामना करें, पॉलिटिक्स छोड़ दें या फिर लंदन भाग जाएं.
विगत 11 मई को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने अल कादिर ट्रस्ट मामले में व अन्य मामलों में इमरान खान को गिरफ्तार न करने का आदेश देकर उनका बचाव किया. जिसके बाद शहबाज शरीफ सरकार और आर्मी द्वारा मिलकर इमरान खान के समर्थन में हिंसा करने वाले सभी नागरिकों पर आर्मी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने का फैसला लिया गया.
इन सभी पर सैन्य अदालतों में मुकदमा चलेगा॰ यह बहुत ही बेतुका है, क्योंकि पाकिस्तान संविधान से चलता है और एक संवैधानिक सरकार भी है, संसद है और अदालतें भी हैं. तो फिर आर्मी अदालतों में यह मुकदमा कैसे चलाया जा सकता है. इस संबंध में विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा तभी हो सकता है, जब संविधान ना हो या संविधान को निलंबित या रद्द कर दिया गया हो. शहबाज शरीफ और आर्मी के इस फैसले की पूरे पाकिस्तान में निंदा हो रही है.
इमरान खान के पास चार रास्ते
1-आर्मी एक्ट का सामने करें
2-उनकी पार्टी टूट जाए
3-पॉलिटिक्स छोड़ दें
4-या फिर लंदन भाग जाएं