रजा ग्राफी रिपोर्ट:- श्रीलंका के बाद अब म्यांमार भी सवालों के घेरे में है, भारत के अंडमान द्वीप समूह से मात्र 60 किलोमीटर की दूरी पर म्यांमार का कोको द्वीप स्थित है, जहां पर हाल ही के दिनों में चीनी गतिविधियां बढ़ गईं हैं, जिस पर भारत ने आपत्ति दर्ज कराई है, इसके साथ ही भारत ने म्यांमार पर दबाव बनाते हुए चीनी गतिविधियों पर शीघ्र रोक लगाने को कहा है॰
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि म्यांमार के इस द्वीप से भारत के पूर्वी तट, मिसाइल परीक्षण केंद्र पर चाइना हर समय नजर रख सकेगा, इसके साथ ही हिन्द महासागर के एक बड़े हिस्से पर भी चीन नजर रख सकेगा॰ भारत ने म्यांमार सरकार के साथ चीनी गतिविधियों वाली कई सेटेलाइट तस्वीरें भी साझा की हैं, लेकिन म्यांमार ने चीन की ऐसी गतिविधियां होने से इनकार किया है॰
विगत कई वर्षों से चाइना लगाकर भारत को चारो ओर से घेरने की कोशिश में जुटा हुआ है, जिसके चलते आज चाइना ने अधिकांश भारतीय सीमा से लगे हुए उसके पड़ोसी मुल्कों से अच्छे संबंध बनाने में कामयाबी हासिल कर ली है, जो देश के लिए एक चिंता की बात है, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पाकिस्तान पहले से ही चाइना की गोद में खेल रहा है और हमेशा से भारत के खिलाफ रहा है॰
जिसकी वजह से चाइना कभी भी पाकिस्तान को भारत के खिलाफ इस्तेमाल कर सकता है, पाकिस्तान के बाद चाइना ने श्रीलंका से अच्छे संबंध बनाना शुरू किया, बता दें कि विगत कुछ वर्षों पहले तक श्रीलंका के भारत के साथ अच्छे संबंध बने रहे, जिसके चलते चाइना श्रीलंका को भारत के खिलाफ कभी इस्तेमाल नहीं कर पाया॰ फिर श्रीलंका की माली हालात को देखकर चाइना ने उसे कर्ज देना शुरू कर दिया॰
जिसके जरिए श्रीलंका चाइना के दबाव में आने लगा॰ श्रीलंका के आज इतने बुरे हालात हैं कि वो चाइना के कर्ज को चुकाने में सक्षम नहीं है, जिसके बदले में चाइना अब श्रीलंका की जमीन का इस्तेमाल कर वहां एक रडार सिस्टम लगाने जा रहा है, जिसके जरिए वह सुरक्षा की द्रष्टि से महत्वपूर्ण भारत के कई इलाकों पर नजर रख सकेगा॰