रजा ग्राफी रिपोर्ट :- चीन जिस तरह भारतीय ज़मीनों पर अपने स्वामित्व का दावा ठोंकते हुए उन्हें अपना बताता है, ठीक यही काम वो अपने पड़ोसी मुल्क भूटान के साथ भी करता है, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चीन पिछले कई दशकों से भूटान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के साथ खिलवाड़ कर रहा है, जिसके चलते चाइना एक या दो बार नहीं बल्कि कई बार भूटान के बड़े हिस्सों को अपने नक्से में दिखाकर अपने स्वामित्व का दावा करता है॰
आरएलए के एक बयान के मुताबिक, भूटान जो भारत के साथ अपनी विदेश नीति को मित्रता संधि जैसे समझौतों के तहत समन्वयित करने के लिए सहमत था, पर चीन के बढ़े दबाव की वजह से भूटान के प्रधानमंत्री त्शेरिंग ने हल ही में दावा किया था कि डोकलाम विवाद में चाइना की समान हिस्सेदारी है.
उन्होने कहा कि डोकलाम विवाद हल करने के लिए अकेले भूटान पर निर्भर नहीं है, उन्होने कहा कि तीनों देश भूटान, भारत और चीन समान हितधारक हैं॰ आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डोकलाम भारत, चीन और भूटान तीनों देशों के लिए सबसे विवादित क्षेत्र है.
डोकलाम का मामला सुर्खियों में तब आया जब साल 2017 में चाइना ने यहाँ पर निर्माण कार्य शुरू करा दिया था, बता दें कि चाइना आज भी पूरे डोकलाम पर अपना दावा करता है॰ क्योंकि अब बीच में भारत है तो चाइना के लिए इस पूरे हिस्से पर कब्जा करना इतना आसान नहीं है,