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आजादी के 76 साल बाद भी देश की 80 करोड जनता 5 किलो राशन पर निर्भर

रजा ग्राफी न्यूज:- हमारे देश को आजाद हुए आज 76 साल हो चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद हमारे देश की 80 करोड़ जनता 5 किलो राशन के लिए राशन की दुकानों के बाहर लाइन लगाने के लिए मजबूर है. यह बड़े ही दुख की बात है, यह खुशी की बात नहीं है. इससे यह साबित होता है कि पिछले 76 सालों में देश की जनता को लूट गया है, देश को लूट गया है ना कि देश में कोई विकास हुआ है.

अगर आजादी के 76 साल बाद भी आज हमारे देश की जनता इस लायक नहीं है कि अपने पैसे से स्वच्छ शौचालय अपने घर में बनवा सके, अपनी बहन, बेटियों की इज्जत का ध्यान रख सके, तो यह बड़े दुख की बात है कि आजादी के 76 साल बाद भी हम इस स्थिति में हैं कि हमारे देश की 80 करोड़ जनता 5 किलो अनाज के लिए राशन की दुकान के बाहर लाइन लगा रही है.

आज हमारे देश के शीर्ष नेता बड़े ही गर्व के साथ कहते हैं कि हम यानी वर्तमान सरकार 80 करोड़ देश की जनता को मुफ्त में अनाज दे रही है, ज़रा सोचिए गौर कीजिए आंकड़ों पर कि आज हमें 76 साल हो चुकें हैं आजाद हुए फिर हमारे देश की जनता, 80 करोड़ जनता राशन के लिए राशन की दुकानों के बाहर लाइन लगा रही है, ये कहा से गर्व की बात हो गई यह तो बड़े ही शर्म की बात है, दुःख की बात है.

आज आजादी के 76 साल जरुर हो चुकें हैं लेकिन देश के किसान इस स्थिति में हैं कि वो सरकार से 500 रूपए महीने के मुआबजे के मोहताज हैं, हमारे लिए यह गर्व की बात नहीं है शर्म की बात है. हर सरकार दावे करती है कि उसने ये विकास किया उसने वो विकास किया, लेकिन यहाँ पर हकीकत कुछ और ही है जिस पर लोगों का ध्यान नहीं जाने दिया जाता. अखंड भारत बनना ना बनना वो अलग बात है, लेकिन इसके जरिए देश की मासूम, भोली-भाली 80 करोड़ उस जनता को जो आज भी 5 किलो राशन पर डिपेंड है उसे महाबेबकूफ जरुर बनाएगा जाएगा

देश के लोगों अलग अलग मुद्दों में उलझाए रखा जाता है, एक मुद्दा ख़त्म होता है तो दूसरा मुद्दा दे देते हैं. सत्ता हासिल करने के लिए देश में नफरत फैला रहे हैं. देश की जनता के बीच नफरत के बीज बोकर आपस में ही लडवा रहे हैं, लेकिन यहाँ पर सिर्फ सरकार को दोष देना ठीक नहीं है, देश की जनता को भी देखना चाहिए की हमारी सरकारों ने आजादी के 76 साल बाद हमारे देश को कहा किस स्थिति में पहुँचाया है.

देश की जनता को जागरूक होना चाहिए और देश के शीर्ष नेताओं से सवाल करना चाहिए की आज हम इस स्थिति में क्यों हैं, आप क्या कर रहे हैं और आगे आने वाले हमारे भविष्य के लिए क्या करने वाले हैं. हमारे देश की सरकारें हमेशा से ही देश की जनता को गुमराह करने के वाले काम करती चलीं आई हैं. सरकारें देश की जनता को ऐसे गुमराह करती हैं कि देश की वर्तमान स्थिति का तो पता नहीं पर अखंड भारत के सपने दिखाने में उलझा रही है कि हम भारत को अखंत भारत बनाएंगे.

अब बताएं देश की 80 करोड़ जनता जो 5 किलो राशन के लिए राशन की दुकानों के बाहर राशन लेने के लिए मजबूर है. उनको गरीवी रेखा से बाहर निकालना ज्यादा जरुरी है या भी अखंड भारत का सपना ज्यादा जरुरी है देश की उस जनता के लिए जो राशन की दुकानों के बाहर लाइन लगा रही है? क्या कोई बता सकता है कि आजादी के 76 साल बाद भी देश की 80 करोड़ जनता राशन की दुकानों के बाहर लाइन क्यों लगा रही है? क्या अखंड भारत से देश की 80 करोड़ जनता जो 5 किलो राशन पर निर्भर है, क्या वो 80 करोड़ जनता गरीबी रेखा से बहार निकल आएगा?

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