रजा ग्राफी न्यूज:- अमेरिका की सबसे बड़ी संस्था यूएससीआईआरएफ की साल 2023 की एक रिपोर्ट निकल कर सामने आई है, जो साल 2022 और 21 में भी ऐसी ही रिपोर्ट जारी की गई थी. इसकी फुल फॉर्म यूनाइटेड स्टेटस कमिशन इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम है.
इस रिपोर्ट के अंदर मोदी सरकार की सारी नीतियों को खोलकर रख दिया गया है. वर्ष 2022-23 रिपोर्ट के अंदर बताया गया है कि भारत के अंदर पीएम मोदी की सरकार आने के बाद मुसलमानों का कत्लेआम भारत के अंदर आम कर दिया गया है. उनसे उनकी रिलिजियस फ्रीडम छीन ली गई है.
देश के अंदर मोदी सरकार कट्टर वाद को बढ़ावा दे रही है. मोदी सरकार मुसलमानों को लगातार कभी हिजाब तो कभी गाय के कत्ल के झूठे इल्जाम में फंसाकर मुसलमानों को मारा जा रहा है. मुसलमानों के अलावा भारत के अंदर क्रिश्चियन, ईसाई, दलित और आदिवासी और जो पिछड़ी जाति के लोग हैं उनको भी भारत के अंदर परेशान किया जा रहा है.
उनका उत्पीड़न किया जा रहा है, उन पर नजर रखी जा रही है और जो इनके लिए आवाज उठाता है. उनको किसी ना किसी झूठे मुकदमे में फंसाकर यूएपीए लगाकर जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया जाता है. मोदी सरकार की नीति है वह अपनी ताकत का इस्तेमाल करके एनजीओ को बंद कर रही है.
यदि आप इसी अमेरिकी रिपोर्ट के दूसरे पन्ने को आप देखेंगे, तो आपको देखने को मिलेगा यहां पर कि उन्होंने एक एक मुद्दा पैराग्राफ के अनुसार तैयार किया है. भारत के अंदर मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए एंटी कन्वर्जन लॉ बनाया गया है. जिसके माध्यम से मोदी सरकार लगातार भारत के मुसलमानों को बहानों से निशाना बना रही है.
अटैक ऑन रिलिजियस माइनॉरिटी भारत में जो मुस्लिम कम्युनिटी है उनकी इबादत गाह मस्जिद को तोड़ा जा रहा है. मुसलमानों के घरों को तोड़ा जा रहा है. इस रिपोर्ट में मध्यप्रदेश के नाम का भी खुलासा किया गया है कि मध्यप्रदेश में किस प्रकार से वहां के जो होम मिनिस्टर हैं, मुसलमानों के मकानों को तुरंत तोड़ देने का आदेश दे देते हैं.
रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया गया है कि भारत के अंदर मोदी सरकार आदिवासियों को भी परेशान कर रही है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि बहुसंख्यक हिंदू ग्रुप मुसलमानों पर अटैक कर रहे हैं. ईसाइयों और ईसाइयों के लीडर निशाना बना रहे हैं. अन्य धर्म के अल्पसंख्यकों को भी तरह तरह से परेशान किया जा रहा है.