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गोकशी का झूठा केस दर्ज कराकर खुद फंसे हिंदूवादी नेता, पुलिस ने चार को भेजा जेल

रजा ग्राफी रिपोर्ट:- आगरा में रामनवमी के दिन हिन्दूवादी नेताओं एक षड्यंत्र के तहत एक मुस्लिम परिवार को गोकशी के झूठे मुकदमें में फंसाकर हिंसा भड़काने की नियत से मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद वो अपने ही बुने जाल में फंस गए, बता दें कि मुकदमा दर्ज हो जाने के बाद जब पुलिस ने जांच पड़ताल की तो गोकशी के इस मामले में इन नेताओं की ही संलिप्तता पाई गई॰ इन हिन्दूवादी नेताओं ने जिन चार मुसलमानों पर मुकदमा दर्ज कराया था॰

वो चारों निर्दोष साबित हुए॰ पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि हिंदूवादी नेताओं द्वारा यह साजिश मुस्लिम परिवार को झूठे मुकदमें में फंसाने और राम नवमी के दिन माहौल को खराब कर हिंसा भड़काने की कोशिश थी॰ पुलिस ने हिन्दू महासभा के पूर्व पदाधिकारी समेत चार साजिश कर्ताओं को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है॰

जानिए आखिर क्या है पूरा मामला

गाय काटने की प्लानिंग

29 मार्च को नवरात्रि का 8वां दिन था और अगले ही दिन शोभायात्रा निकलने वाली थी, जिसकी तैयारियां चल रही थी, लेकिन वहीं दूसरी ओर भगवान टॉकीज पर इस दिन माहौल को खराब कर हिंसा भड़काने की तैयारी चल रही थी॰ इस साजिश में पेशेवर अपराधियों के साथ हिन्दू महासभा के नेता और कार्यकर्ता शामिल थे॰

बता दें कि नदीम का अपनी बुआ के लड़के के साथ विवाद चल रहा था, वो उसे किसी भी कीमत पर फंसाना चाहता था, इसलिए उसने शानू, इमरान, सलमान, सौरभ शर्मा, ब्रजेश भदौरिया और अजय के साथ मिलकर गोकशी करने और उसके बाद हंगामा मचाने का प्लान बनाया॰ प्लान के तहत रात के करीब 2 बजे नदीम, इमरान, सलमान और शानू उस सुनसान जगह पर पहुंचे, नजर रखने के लिए शानू को सड़क पर ही छोड़ दिया गया, बाकी लोग अंदर गए और वहाँ घूम रहे गोवंश को पकड़ा और गोकशी कर वहीं फेंक दिया॰

इसके बाद यह लोग भगवान सिनेमा पर आ गए, जहां पहले से ही हिन्दूवादी नेता मौजूद थे, जिसके बाद गोकशी की बात इन लोगों ने अपने संगठन के लोगों को बताई और इकठ्ठा होने को कहा, जिसके बाद प्लान के तहत पुलिस को सूचना दी गई, सूचना के बाद घटनास्थल पर पुलिस पहुंची तो वहाँ पहले से ही हिन्दू महासभा के करीब 25 कार्यकर्ता मौजूद थे॰

जिसके बाद गढ़ी चाँदनी के जितेंद्र कुशवाहा ने नकीम व उसके छोटे भाई छोटू, रिजवान और शानू के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया, अगले ही दिन राम नवमी होने पर पुलिस ने अपने काम में तेजी दिखाई और दो आरोपियों को हिरासत में ले लिया, इसके तुरंत बाद पुलिस मामले की हकीकत जानने में जुट गई.

जांच शुरू करते ही पुलिस को शक हुआ और एक चौंका देने वाली बात सामने आई और अपने ही बुने जाल में हिन्दूवादी नेता फंस गए, जांच में नदीम का नाम सामने आया॰ जिसकी हिन्दूवादी नेता संजय जाट से कई बाद फोन पर बात हुई और यहीं से पूरी घटना का खुलासा हो गया॰ सभी की लोकेशन चेक किए जाने पर यह बात और पुख्ता हो गई॰ जिसके बाद पुलिस ने अपनी कार्यवाही कर सभी को जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया॰

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