रजा ग्राफी न्यूज:– आर्थिक तंगी से परेशान पाकिस्तान अब डिफ़ाल्टर होने की कगार पर है, इस संबंध में आईएमएफ का कहना है कि पाकिस्तान सरकार उसकी शर्तों को पूरा नहीं कर पा रही है॰ अब आईएमएफ का कहना है कि पाकिस्तान को कर्ज तभी मिलेगा जब वह संविधान के मुताबिक देश में चल रही राजनीतिक अस्थिरता को दूर करेगा॰
माना जा रहा है कि आईएमएफ इमरान खान विवाद की ओर इशारा कर रही है॰ क्योंकि जेल से छूटने के बाद पूर्व पीएम इमरान खान ने शहबाज शरीफ सरकार पर आरोप लगाया था कि उनके कार्यकर्ताओं को जबरन गिरफ्तार कर गैर-कानूनी तरीके से मुकदमा चलाया जा रहा है॰
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आईएमएफ के इस बयान के बाद पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार भड़क गई और और आईएमएफ के इस बयान को अपने देश के आंतरिक मामलों में दखल करार दिया है॰ पाकिस्तान सरकार और आईएमएफ के बीच यह विवाद तब छिड़ा जब शहबाज शरीफ सरकार को सिर्फ 10 दिनों के अंदर ही बजट पेश करना है. जबकि पाकिस्तान सरकार और आईएमएफ के बीच कई बार बातचीत हो चुकी है॰ लेकिन दोनों के मध्य कोई समझौता ना हो सका॰ खुद पाक पीएम शहबाज शरीफ आईएमएफ के एमडी से बात कर चुके हैं, लेकिन अभी तक इसका कोई समाधान नहीं निकला है॰
पाकिस्तान भले ही आईएमएफ से कर्ज लेने के लिए बार बार गुहार लगा रहा हो, लेकिन अब पाकिस्तान को आईएमएफ से कर्ज मिलने की बहुत कम ही उम्मीद है॰ क्योंकि पाकिस्तान अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए आईएमएफ से लोन ले रहा है, लेकिन पाक यह पैसा अपनी अर्थव्यवस्था को उभरने के लिए नहीं बल्कि चीन का कर्ज उतारने में कर रहा है॰
इस वजह से पाकिस्तान को आईएमएफ से लोन मिलने की उम्मीद अब बहुत कम नजर आ रही है॰ आईएमएफ को भी दर है कि यदि वह यह पैसा पाकिस्तान को दे देता है और पाकिस्तान इसका इस्तेमाल चीन का कर्ज उतारने में कर देता है, तो आईएमएफ को यह पैसा वापस मिलने में काफी दिक्कत होगी॰