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केरल में आरएसएस पर लगा बैन, अब नहीं फैला पाएगा नफरत

रजा ग्राफी न्यूज:- देश के राज्य केरल में एक बार फिर से आरएसएस पर पाबंदी लगा दी गई है. देवस्वम द्वारा यह कदम तब उठाया गया॰ जब राज्य में नफरत फैलाने की गतिविधियां अपनी चरम सीमा पर थीं॰ यह आरएसएस के लिए सबसे बड़ा झटका है॰ आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मंदिरों में व उनके परिसरों में बजरंग दल व अन्य हिंदू संगठन जैसे आरएसएस हिंदुओं को दूसरे धर्मों के खिलाफ राजनीतिक फायदा उठाने के लिए भड़काने का काम कर रहे थे॰

आरएसएस हिंदू समाज के नाबालिक युवक और युवतियों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग, मुसलमानों व ईसाइयों के प्रति उनके दिमाग में नफरत बसाने. उनको चलता फिरता बम बनाने की कोशिश कर रही थी और आरएसएस की शाखा हर मंदिर में इस तरह का काम कर रही थी॰ केरल के मंदिरों में आरएसएस की शाखा पर पूरी तरीके से बैन लगा दिया गया है॰

देवस्वम बोर्ड ने कहा है कि अब धार्मिक स्थलों पर राजनीति आयोजन भी नहीं होंगे॰ वहीं कांग्रेस ने कहा है कि 90% हिंदू आरएसएस और उसकी विचारधारा के खिलाफ हैं॰ आरएसएस के खिलाफ लिया गया यह फैसला काफी बड़ा है॰ देवस्वम बोर्ड ने यह भी कह दिया है कि एक तो आरएसएस कोई भी शाखा मंदिर के अंदर नहीं लगाएगी और कोई भी प्रोग्राम मंदिर के अंदर नहीं करेगी, जो धर्म से संबंधित ना हो.

कोई भी पार्टी हो, कोई भी संगठन हो चाहे बजरंग दल हो या फिर आरएसएस कोई भी, ऐसे प्रोग्राम नहीं कर सकते॰ धार्मिक प्रोग्रामों के अंदर भी राजनीतिक मुद्दा लाया गया या फिर राजनीति की गई या फिर किसी धर्म के खिलाफ भड़काया गया, तो ऐसे प्रोग्राम को तुरंत बंद करवा दिया जाएगा और संचालकों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी॰

केरल में मंदिरों का मैनेजमेंट संभालने वाले त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड ने सभी 1248 मंदिरों को सर्कुलर जारी किया है॰ जिसमें साफ-साफ कहा गया है कि मंदिरों में सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान और आयोजन किए जाएंगे॰ किसी भी राजनीतिक गतिविधि के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखा को परमिशन ना दी जाए॰

 इतना ही नहीं यह भी कहा गया है कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया गया, तो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी॰ आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले भी 30 मार्च 2021 और 2016 में भी ऐसा सर्कुलर जारी किया गया था॰ मंदिर परिसरों में पूजा अनुष्ठान के अलावा किसी भी तरह के राजनीतिक आयोजन ना किए जाने से संबंधित केरल में आरएसएस पर ऐसी पाबंदी पहले से ही लगी हुई थी॰

लेकिन आरएसएस इसे दरकिनार कर राज्य में नफरत फैलाने का कार्य कर रही थी और इन्हीं मंदिरों का इस्तेमाल हिंदुओं को भड़काने और मुसलमानों व इसाइयों के खिलाफ नफरत फैलाने में कर रही थी. आरएसएस के अलावा केरल सरकार ने अन्य संगठनों को भी चेतावनी दी है कि यदि उनकी भी ऐसी गतिविधि पाई गई, तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी॰

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