रजा ग्राफी न्यूज:- आप सभी जानते हैं कि‘द केरला स्टोरी’ फिल्म सिर्फ मुसलमानों के खिलाफ एक प्रोपेगेंडा फिल्म है॰ यह फिल्म सिर्फ लोगों के दिलों में एक-दूसरे के प्रति नफरत फैलाने के लिए बनाई गई है, इसकी पूरी कहानी झूठी है और सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस नफरती फिल्म को देश का प्रधानमंत्री प्रमोट करता है॰ यह बड़े ही अफसोस की बात है॰
इस फिल्म की हकीकत को जानने के लिए कुनाल शुक्ला नाम के एक सोशल मीडिया यूजर ने आरटीआई डाली है और सरकार से ही पूछा कि जरा बताइए 32000 जा लड़कियां हिंदू और ईसाई समाज की जो मुसलमान हुई हैं, उनका आप ऑफिशियल डाटा दीजिए॰ इसके बाद उनकी आईटीआई का रिप्लाई जो आया है ना तो उस एक्टिविस्ट ने सोशल मीडिया पर सारी चीजें पोस्ट कर दी और लिखते हैं कि फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ के आधार पर दावा किया गया है कि 32000 हिंदू-ईसाई धर्म की लड़कियों को इस्लाम में धर्मांतरण करवाकर आतंकवादी संगठन में भेजा गया॰
आईटीआई में जब मैंने इस संदर्भ में जानकारी मांगी, तो जवाब यह मिला है कि देश के गृह मंत्रालय के पास कोई भी ऐसा सबूत और आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, जो इस बात को साबित कर सके की 32000 हिन्दू और ईसाई धर्म की लड़कियों का धर्मांतरण कभी कराया गया था॰ आरटीआई में जबाव दिया गया कि इस संबंध में उनके पास कोई इंफॉर्मेशन नहीं है॰
बता दें कि कर्नाटक चुनाव में देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने इस फिल्म के आधार पर ध्रुवीकरण और नफरत फैलाने में कोई कोर कसर बाकी ना रखी थी॰ पर आज 10 रुपए के आईटीआई ने एक बार फिर से इनकी पोल खोल दी है॰ यहां नीचे तस्वीर में आप आरटीआई का जवाब भी देख और पढ़ सकते हैं.
जो खुद हमारी होम मिनिस्ट्री ने लिखकर दिया है कि इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है॰ आपको बता दें कि मोदी सरकार का फार्मूला यही है कि चुनाव जीतने के लिए कोई ना कोई प्रोपेगेंडा बनाओ और ध्रुवीकरण कर जीत हासिल करो॰ अभी ऐसी और कई सारी फिल्में बनाई और बनवाई जा रही हैं॰ जिसमें शिवाय नफरत के अलावा और कुछ नहीं है॰