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ये है ईरान की वो सबसे खतरनाक मिसाइल, जिससे अमेरिका और इज़राइल को भी लगता है डर

रजा ग्राफी न्यूज:आज मैं आपको ईरान की एक ऐसी मिसाइल के बारे में बताने वाला हूं, जिसके कहर से अमेरिका भी कापता है॰ आपको यह मजाक लगेगा कि अमेरिका जैसे सुपरपॉवर देश को भला कौन डरा सकता है, क्योंकि वो खुद में इतना खौफ नाक है॰ लेकिन यह जानने के बाद आप सच में समझ जाएंगे कि अमेरिका का डरना इतना जरूरी क्यों है॰

अमेरिका ने इस बारे में खुद कहा है कि ईरान के पास एक ऐसी मिसाइल है, जो न्यूक्लियर को भी ले जाने में सक्षम है॰ ईरान की यह मिसाइल एक झटके में कई बड़ी तबाही मचा सकती है और इसको रोकना लगभग नामुमकिन है॰ ईरान की इस मिसाइल का नाम साहब-3 है॰ जिसने ईरान की कमर को इतना मजबूत कर दिया है कि अमेरिका और इजरायल के अंदर इतनी हिम्मत नहीं कि वह डायरेक्ट ईरान पर हमला कर सकें॰

साहब-3 मिसाइल कि यदि रेंज की बात करें तो इसकी रेंज की जानकारी का पता आप इस बात से लगा सकते हैं कि साहब-3 की जो रेंज है, वह 2000 किलोमीटर तक है यानी यदि साहब-3 फायर करें ईरान तो इसकी जद में इजरायल, इजिप्त, अमेरिका के आस-पास के जो सैनिक इराक और सीरिया व दूसरे देशों में तैनात हैं वह और सऊदी अरबिया, कजाकिस्तान सहित भारत भी इस मिसाइल की रेंज में आता है॰

साहब-3 के कई सारे वर्जन है जिसमें ए, बी, सी, डी यह चार वर्जन हैं और जो सबसे एडवांस वर्जन है वह है साहब-3 जो अभी तक का सबसे एडवांस लेटेस्ट वर्जन है. साहब-3 की स्पीड 2.4 किलोमीटर प्रति सेकंड है यानी लगभग 2 किलोमीटर से ज्यादा 1 सेकंड में यह मिसाइल धनधनाती हुई अपने टार्गेट को निशाना बना सकती है॰

साफ-साफ शब्दों में आपको बता दूँ कि ईरान की यह बैलेस्टिक मिसाइल है॰ इसको बनाने के लिए ईरान ने बहुत पापड़ बेले हैं॰ वर्ष 1998 से लेकर 2003 तक इसको लगातार ईरान ने अपग्रेड किया और अभी भी इसे और अपग्रेड करने में जुटा हुआ है, ईरान को वर्ष 2003 के दौरान इस मिसाइल को अपग्रेड करने में सबसे बड़ी कामयाबी हाथ लगी॰

सफलता मिलने के बाद वर्ष 2003 में ही ईरान ने इसे अपनी सेना में शामिल कर लिया॰ तब से लेकर अब तक ईरान इसे लगातार अपग्रेड करता रहा है॰ जिसके बाद अब ईरान के पास लेटेस्ट मॉडल इसका साहब-3 नाम का है॰ इस मिसाइल के अंदर एक बम होता है॰ इस विस्फोटक का वजन 1200 किलोग्राम होता है॰

इसके अलावा इसमें 5 क्लस्टर बम लगे होते हैं और उनका काम यह होता है कि जिस देश पर वह गिरते हैं॰ उसके दूसरे ठिकानों को भी निशाना बनाते हैं॰ क्लस्टर बम एक साथ कई ठिकानों को टारगेट करने के लिए जाना जाता है॰ तो आप समझ सकते हैं कि एक मिसाइल से ईरान दुश्मन देश के कई ठिकानों को टारगेट कर सकता है॰

इस मिसाइल को बनाने वाली ईरान की कंपनी का नाम सनम इंडस्ट्रियल ग्रुप है॰ इसकी एक और खासियत यह है कि इसे ट्रक की सहायता से एक जगह से दूसरी जगह बढ़े ही आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है॰ जैसे रूस का डिफेंस सिस्टम एस-400 उसको ट्रक पर लादकर कहीं भी तैनात किया जा सकता है॰

ठीक वैसे ही ईरान की साहब-3 को भी ट्रक में लादकर कहीं पर भी तैनात किया जा सकता है॰ ईरान इस मिसाइल को बड़ी आसानी से कम समय में कहीं पर भी तैनात कर सकता है॰ अमेरिका ने 2017 में ही कह दिया था कि ईरान ने इस को लॉन्च करने के लिए 50 लांचर बनाए हैं और आरजीसी के लिए यह सबसे बड़ी ताकत है॰ यह कौन कह रहा है कोई और नहीं अमेरिका कह रहा है॰

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