म्यांमार की मिलिट्री गवर्नमेंट ने 40 पार्टियां भंग कीं, अभी भी म्यांमार में इमरजेंसी लागू
म्यांमार में सैन्य सरकार जुंटा ने आंग सान सू की की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेटिक पार्टी सहित 40 पार्टियों को भंग कर दिया है। सेना ने बताया कि ये पार्टियां नए चुनावी कानून के तहत रजिस्टर करने में विफल रही हैं। मंगलवार रात स्टेट मीडिया म्यावाडी टीवी ने बताया कि देश में 63 पार्टियों ने स्थानीय या राष्ट्रीय स्तर पर रजिस्ट्रेशन करवाया है। वहीं करीब 40 पार्टियों ने डेडलाइन तक चुनाव के लिए साइन-अप नहीं किया, जिसके बाद इन्हें भंग घोषित किया गया।
पार्टियां भंग होने के बाद UN ने म्यांमार में लोकतंत्र बहाल करने की मांग है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने मंगलवार को आंग सान सू की की रिहाई पर जोर दिया। उन्होंने कहा- हम म्यांमार में लोकतंत्र की वापसी देखना चाहते हैं। हम आंग सान सू की और अन्य लोगों की रिहाई चाहते हैं। हम इस दिशा में काम करना जारी रखेंगे।
आंग सान की पार्टी बोली- जनता हमारे साथ
आंग सान की पार्टी के वरिष्ठ नेता तुन मिंट ने कहा- पार्टी ऐसे समय में कभी रजिस्टर नहीं करेगी जब हमारे ज्यादातर नेता या तो जेल में हैं क्रांति में शामिल हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की सेना ने हमारी पार्टी को भंग कर दिया है। हमारे पास जनता का समर्थन है और हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। वहीं सेना द्वारा आतंकवादी घोषित नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट (NUG) ने कहा- मिलिट्री को दिखावे के चुनाव कराने का कोई अधिकार नहीं है।
म्यांमार में तख्तापलट के बाद से सेना ने 2600 से अधिक लोगों को मारा
रिपोर्ट के मुताबिक म्यांमार में साल 2021 में हुए तख्तापलट के बाद से सेना 2600 लोगों को मार चुकी है। हालांकि ये सिर्फ ऑफिशियल डेटा है। असली मौतें इससे दस गुना ज्यादा हो सकती हैं। म्यामांर लगातार विरोधियों को फांसी की सजा भी दे रहा है।
2 साल पहले सेना ने किया था तख्तापलट
म्यांमार में सेना ने 1 फरवरी 2021 को तख्तापलट कर दिया था। वहां की लोकप्रिय नेता और स्टेट काउंसलर आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन मिंट समेत कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद मिलिट्री लीडर जनरल मिन आंग हलिंग ने खुद को देश का प्रधानमंत्री घोषित कर दिया था।